जीवन एक प्रबहित नदी की तरह है कभी रुकती नेही लगातार बहती रहती है और एक दिन समोन्दर मिलने के बाद शांत हो जाती है, मनुष्य की जीवन ठीक उसी तरह होती है, जान जब तक है चलती है जिस दिन रुकेगी सब कुछ शांत प्रकृति मै मिल जाएगा,.............. 

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